ऐ दोस्त मुझे अब ख़ुशी-ख़ुशी विदा कर दो
इस प्यार के बंधन से जुदा कर दो,
इक नया रास्ता मुझे बुला रहा हैं
बस इक बार गले लग कर विदा कर दो।
किसी के सपनों के साथ मै आया हूँ,
किसी कि दुआएं मैं अपने साथ लाया हूँ,
किसी कि ख्वाहिशें, तो किसी का विश्वास
तो किसी के आंसू को अपनी हथेली में छुपा कर लाया हूँ,
उन सारे सपनों को मुझे साकार करने दो,
ऐ दोस्त बस
एक बार गले लग के मुझे विदा कर दो।
उन सपनों के हकीकत होने का श्रेय
तुम सबको जाता है,
इस नई जिंदगी पाने का श्रेय
भी तुम सबको जाता है,
कर्ज के बोझ तले,
मुझे अब और दबाया ना करो,
ऐ दोस्तों बस इक बार...
गले लग कर मुझे विदा कर दो।
वो हर शाम मुझे तुम सबकी याद दिलाएगी
किसी कि वो नाक मुझे हमेशा हसायेगी,
वो तुम सब कि मीठी तकरारें
उन यादों में चार चाँद लगायेंगी,
उन यादों के सहारे ही
मुझे अपनी ये जिंदगी गुजार लेने दो,
ऐ मरे दोस्त इक बार...
गले लग कर मुझे विदा कर दो।
दिल से याद करोगे जब भी कभी
मुझे हमेशा अपने ही पास पावोगे,
ख़ुशी हो या गम
मेरी बाँहों का साथ अपने साथ पावोगे,
इन वादों के साथ
प्यार से मुझे रुखसत कर दो,
ऐ मेरे प्यारे दोस्तों,
बस इक बार गले लग कर मुझे विदा कर दो.......
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
तेरा एहसास...
साथ हो अगर तो साथ हो नहीं भी हो तो जी लेंगे हम सिलवटें आएँगी मगर कपडे की तरह संवर जायेंगे हम रिश्ता गहरा है , दुर होने से ...
-
अपने नौकरी के दौरान मुझे बाढ़ पीडितो के लिये कुछ काम करने का सुनहला मौका मिला। जिस सिलसिले में मै बिहार के खगड़िया जिले में कोसी पीड़ित ...
-
पल - पल महकतीं रीश्तों की खुशबु , लम्हा - लम्हा गुजरते खुशीयों के पल ----- कभी मीठी तकरारे, कभी मीठे जज्बात और उससे भी कही खास होत...
-
देर शाम सोते है, सुबह जल्दी जगते है, ऐ जिंदगी तुझसे हर रोज लड़ते है, कभी तु मुझपे भारी पड़ती, कभी मैं तुझपे काफी पड़ता।। तु मुझमे जीती ह...
bahut acha hai...words r less 4 praising this poem...i just love it ...chugaye dil ko>>>>>
ReplyDeleteसबसे दिल का हाल न कहना,लोग तो कुछ भी कहते हैं,
ReplyDeleteजो कुछ बीते खुद पर सहना, लोग तो कुछ भी कहते हैं.
एक नए सफर की ढेर सारी शुभकामनाएं...........
-नवनीत नीरव-