Monday, March 22, 2010

मुझे विदा कर दो........

ऐ दोस्त मुझे अब ख़ुशी-ख़ुशी विदा कर दो
इस प्यार के बंधन से जुदा कर दो,
इक नया रास्ता मुझे बुला रहा हैं
बस इक बार गले लग कर विदा कर दो।

किसी के सपनों के साथ मै आया हूँ,
किसी कि दुआएं मैं अपने साथ लाया हूँ,
किसी कि ख्वाहिशें, तो किसी का विश्वास
तो किसी के आंसू को अपनी हथेली में छुपा कर लाया हूँ,
उन सारे सपनों को मुझे साकार करने दो,
ऐ दोस्त बस
एक बार गले लग के मुझे विदा कर दो।

उन सपनों के हकीकत होने का श्रेय
तुम सबको जाता है,
इस नई जिंदगी पाने का श्रेय
भी तुम सबको जाता है,
कर्ज के बोझ तले,
मुझे अब और दबाया ना करो,
ऐ दोस्तों बस इक बार...
गले लग कर मुझे विदा कर दो।

वो हर शाम मुझे तुम सबकी याद दिलाएगी
किसी कि वो नाक मुझे हमेशा हसायेगी,
वो तुम सब कि मीठी तकरारें
उन यादों में चार चाँद लगायेंगी,
उन यादों के सहारे ही
मुझे अपनी ये जिंदगी गुजार लेने दो,
ऐ मरे दोस्त इक बार...
गले लग कर मुझे विदा कर दो।

दिल से याद करोगे जब भी कभी
मुझे हमेशा अपने ही पास पावोगे,
ख़ुशी हो या गम
मेरी बाँहों का साथ अपने साथ पावोगे,
इन वादों के साथ
प्यार से मुझे रुखसत कर दो,
ऐ मेरे प्यारे दोस्तों,
बस इक बार गले लग कर मुझे विदा कर दो.......

तेरा एहसास...

साथ हो अगर तो साथ हो नहीं भी हो तो जी लेंगे हम सिलवटें आएँगी मगर कपडे की तरह संवर जायेंगे हम रिश्ता गहरा है , दुर होने से ...