अपने नौकरी के दौरान मुझे बाढ़ पीडितो के लिये कुछ काम करने का सुनहला मौका मिला। जिस सिलसिले में मै बिहार के खगड़िया जिले में कोसी पीड़ित लोगो के हित के कुछ काम किया। उसी दौरान मुझे वहा रह रहे लोगो कि गरीबी को नजदीक से देखने और महसूस करने का मौका मिला। जिले के राष्ट्रीय राज्यमार्ग -31 पर चल रहे ढाबों में काम कर रहे बच्चों कि जिंदगी से रूबरू होने का मौका मिला। इस रचना के जरिये मै उनके दुखों को समझने की कोशिश है........
ऐ माँ मेरा दोष क्या है
ऐ मेरे पापा मेरी गलती क्या है,
मै तेरे प्यारे आँचल की छावं के लिये तरसता हूँ,
मै पापा के पीठ पर चढ़ने को तरसता हूँ,
मुझे अपने उस ममता से जुदा करने की वजह क्या है?
मुझे अपने तक़दीर पर छोड़ने की वजह क्या है?
जिन हाथों को कागज और कलम की जरुरत थी
उन हाथों में आज लोगों का जूठा थाली है,
जिन गालों को मम्मी के चूमने की अरमान थी
उन गालों पर मालिक के पंजे की निशान है,
ऐ माँ ! क्या कभी सोचा है की मेरी हालत क्या है?
ऐ माँ ! क्या कभी सोचा है की तेरे इस लाल की दषा क्या है?
ऐ माँ ! मेरा भी मन पढने को करता है
पास होकर तेरे माथे को चूमने को जी चाहता है,
बोझ बन गयी इस जिंदगी को छोड़कर
इस दुनिया में कुछ बन कर दिखने को जी करता है
ऐ मुझे जीवन देने वाली माँ !
मेरी एक विनती सुनेगी क्या?
मुझे इस नरक भरे जीवन से बचाने आएगी क्या?
कभी सोचता हूँ कि तुने मुझे इस जहाँ में लाया क्यों?
बचपन में ही इन कन्धों पर इतना बोझ डाला क्यों?
पहले तो सोने से पहले तेरी याद में रोता भी था
आजकल तो जूठे मेज को साफ करने में ही सो जाता हूँ,
ऐ मेरी माँ ! मुझे एक बार फिर से लोरी सुनाओगी क्या?
ऐ माँ मुझे अपने आँचल में फिर से सुलाओगी क्या?
तेरा ये लाल दर्द से कराह रहा है इसे बचाने आवोगी क्या?
Shashi Kant Singh
this is something really outstanding ,gr8 bhai
ReplyDeleteNice
ReplyDeletegreat poem.....awesome
ReplyDeleteReally i don't comment on the poems. But your feeling behind this, i really appreciate you. I appreciate your concern for them. At this cat-mice race very less people are working on this street children.
ReplyDeleteThanks for writing such a good poem!!!!!!
Wonderful!
ReplyDeleteShashi bhai...sach mei ...Senti kar diya yaar....
ReplyDeleteBhaii tu saamne hotha to tere haath choom leta.... ;P
thankx eddie.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना है धन्यवाद|
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